एक्जिमा: कारण, उपाय और घरेलू नुस्खे
एक्जिमा जिसे डर्मेटाइटिस भी कहते है, एक्जिमा त्वचा में होने वाला एक रोग है जिससे त्वचा में खाज़, खुजली होने लगती है और त्वचा का वह ग्रसित हिस्सा लाल हो जाता है। त्वचा के रोगों में से एक एक्जिमा दुनिया में कई लोगों को प्रभावित करता है, एक आकड़े के अनुसार दुनिया के कुल बच्चों में से 20 प्रतिशत बच्चों को एक्जिमा के किसी न किसी प्रकार की समस्या है और वही यदि वयस्क व्यक्तियों में देखे तो दुनिया के लगभग 3 प्रतिशत वयस्क व्यक्तियों को किसी न किसी प्रकार का एक्जिमा है। यदि केवल भारत की ही बात करें तो भारत में ही प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ से अधिक एक्जिमा के मरीज सामने आते है। एक्जिमा त्वचा को खाज़, खुजली देने वाली एक घटिया बीमारी है जो अधिकतर बच्चों को अपना शिकार बनाती है। एक्जिमा उम्र के साथ-साथ कम होता जाता है। एक्जिमा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक नहीं फैलता। एक्जिमा की समस्या अधिकतर हाथ, पैर, गले, सीने, पीठ, खोपड़ी आदि शरीर के भागो को प्रभावित करता है।
एक्जिमा क्या है?
एक्जिमा त्वचा की वह स्थिति है जिसमें त्वचा खाज़ व खुजली-दार बन जाती है, एक्जिमा अधिकतर कम उम्र वाले बच्चों को ही अपना शिकार बनाती है। एक्जिमा अधिकतर उन बच्चो को होता है जिनका परिवार या अनुवांशिक इतिहास एक्जिमा का होता है। एक्जिमा कई प्रकार के होते है और इनमे से मुख्य रोग हमारे साथ लम्बे समय तक बना रहता है। एक्जिमा एक बार पूरी तरह खत्म होने के बाद दोबारा भी हो सकता है। एक्जिमा कई कारणों से हो सकता है जैसे यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम जरूरत से अधिक कार्य करने लगे, एक्जिमा का पारिवारिक इतिहास हो या शरीर को खराब पर्यावरण से एलर्जी हो तो एक्जिमा की समस्या हो सकती है। एलॉपथी में एक्जिमा का इलाज अब तक उपलब्ध नहीं है हलांकि आयुर्वेद के 5000 साल पुराने इतिहास में एक्जिमा के लिए कुछ नुस्खे और बचाव के उपाय बताये गए है।
एक्जिमा के अलग-अलग प्रकार क्या है?
एक्जिमा लगभग 7 प्रकार का होता है-
एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic Dermatitis): यह एक्जिमा की सबसे ज्यादा लोगो को होने वाला रोग है। यह एक्जिमा एक बार खत्म होने के बाद भी दोबारा हो सकता है एक्जिमा का यह प्रकार लम्बे समय तक व्यक्ति के साथ बना रहता है।
कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis): जब त्वचा किसी वस्तुओ के संपर्क में आ जाने से एलर्जिक रिएक्शन देने लगती है, जिसके कारण एक्जिमा की समस्या उत्पन्न होती है कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहलाता है।
डाईशीड्रॉटिक एक्जिमा (Dyshidrotic eczema): खाज़ व खुलजी उत्पन्न करने वाले छोटे-छोटे दाने जो अधिकतर हाथो, पांवो, उंगलियों के बीच में होता है, डाईशीड्रॉटिक एक्जिमा कहलाते है। यह एक्जिमा अधिकतर 20 से 40 वर्ष के व्यक्तयो को अपना शिकार बनाता है।
न्यूरोडेर्माटिटिस (Neurodermatitis): शरीर के सिर्फ किसी एक भाग में अत्यधिक खुजली होना और लम्बे समय तक खुजली का बने रहना न्यूरोडेर्माटिटिस के लक्षण है, यह समस्या लगभग दुनिया के 12 प्रतिशत लोगो को है। यह एक्जिमा उंगलिओ के जोड़ो में अधिकतर होता है।
नउम्मुलर एक्जिमा (Nummular eczema): यह एक्जिमा सिक्के के आकर के होते है जिनमें बहुत ज्यादा खुजली उत्पन्न होती है।
सेबोररहेक डर्मेटाइटिस (Seborrheic dermatitis): यह एक्जिमा लम्बे समय तक व्यक्ति के साथ बना रहता है, और अधिकतर सिर, नाख और पीठ को प्रभावित करता है। यह सभी उम्र वाले व्यक्ति को बराबर प्रभावित करता है।
स्टेसिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis): शरीर के निचे हिस्से में खास कर पांवों में खराब रक्त के संचरण के कारण एक्जिमा का यह प्रकार होता है। इस एक्जिमा को गुरुत्व डर्मेटाइटिस भी कहते है। यह प्रकार अधिकतर 50 वर्ष से बढ़ी उम्र वाले व्यक्ति को प्रभावित करता है।
एक्जिमा के क्या लक्षण है?
एक्जिमा के कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित है -
एक्जिमा होने के क्या कारण है?
एक्जिमा निम्नलिखित कारणों से हो सकता है-
एक्जिमा से बचने के लिए कुछ टिप्स और बचाव
एक्जिमा से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स का पालन करें-
एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खे
एक्जिमा को ठीक करने के लिए निम्नलिखित नुस्खों का पालन करें-
एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खा
सामग्री: नीम के पत्ते और हल्दी पाउडर
स्टेप १: नीम के कुछ साफ़ पत्ते लेकर उनको कूटकर उनका पेस्ट बना ले।
स्टेप २: पेस्ट बनाने के पश्चात उसमें एक चम्मच शुद्ध हल्दी पाउडर डालकर उसको अच्छी तरह मिला ले।
निर्देश: इस पेस्ट को सीधा अपने प्रभावित हिस्से में लगाए और कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दे।
एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खा
सामग्री: सरसों का तेल और नीम के पत्ते
स्टेप १: 200 मिलीलीटर सरसों का तेल ले और उसे गर्म करने लोहे की कढ़ाई में रख दे।
स्टेप २: कुछ समय पश्चात उसमें 50 ग्राम के आस-पास नीम के पत्ते डालकर उनको तब तक पकाये जब तक वह काले न पढ़ जाये।
स्टेप ३: पत्तों के काला पढ़ने के पश्चात तेल को छानकर एक शीशी में भर ले। यह नीम का तेल एक्जिमा के लिए अति कारगर है।
निर्देश: इस तेल को सीधा अपने प्रभावित हिस्से में लगाए और कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दे। रोजाना इस नुस्खे का प्रयोग कम से कम दिन में 4 बार करें। यदि आपको एक्जिमा काफी लम्बे समय से है तो आप पूर्ण इलाज और हमेशा के लिए इससे निजात पाना चाहते है तो आप इस तेल का उपयोग कम से कम 9 महीने से एक साल तक करें।
एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खा
सामग्री: एलोवेरा
स्टेप १: एलोवेरा की एक पत्ती को लेकर उसको पूरी तरह छील ले।
स्टेप २: छीलने के पश्चात एलोवेरा का जेल उसमें से निकाल ले।
स्टेप ३: एलोवेरा जेल को एक चम्मच से हिलाये और उसका एक अच्छा पेस्ट बना ले।
निर्देश: इस पेस्ट को सीधा अपने प्रभावित हिस्से में लगाए और कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दे।
एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खा
सामग्री: नीम के पत्ते, शहद, और हल्दी पाउडर
स्टेप १: नीम के पत्तों के पेस्ट को लेकर एक कटोरे में ले और उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिला ले।
स्टेप २: अच्छी तरह से इसे मिलाये और एक अच्छा पेस्ट बना ले।
निर्देश: इस पेस्ट को सीधा अपने प्रभावित हिस्से में लगाए और कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दे।
एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खा
सामग्री: नीम का तेल, शुद्ध हल्दी पाउडर और एलो वेरा जेल
स्टेप १: एक चम्मच शुद्ध हल्दी पाउडर ले और उसमें एक चम्मच एलो वेरा जेल और दो चम्मच नीम का तेल मिला ले।
स्टेप २: अच्छी तरह से इन सभी उत्पादों को मिला ले और एक अच्छा पेस्ट बना ले।
निर्देश: इस पेस्ट को सीधा अपने प्रभावित हिस्से में लगाए और कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दे। यह एक्जिमा को जड़ से खत्म करने में काफी कारगर है।